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ईश्वरीय भाणा

फकीर बुलेशाह से जब किसी ने पूछा, कि आप इतनी गरीबी में भी भगवान का शुक्रिया कैसे करते हैं तो बुलेशाह ने कहा चढ़दे सूरज ढलदे देखे... बुझदे दीवे बलदे देखे., हीरे दा कोइ मुल ना जाणे.. खोटे सिक्के चलदे देखे. जिना दा न जग ते कोई, ओ वी पुत्तर पलदे देखे। उसदी रहमत दे नाल बंदे पाणी उत्ते चलदे देखे। लोकी कैंदे दाल नइ गलदी, मैं ते पत्थर गलदे देखे। जिन्हा ने कदर ना कीती रब दी, हथ खाली ओ मलदे देखे .. ..कई पैरां तो नंगे फिरदे, सिर ते लभदे छावा, मैनु दाता सब कुछ दित्ता, क्यों ना शुकर मनावा l
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रिश्तेदार

एक जौहरी के निधन के बाद उसका परिवार संकट में पड़ गया। , खाने के भी लाले पड़ गए।😇 , एक दिन उसकी पत्नी ने अपने 💃बेटे को नीलम का एक हार देकर कहा- 'बेटा, इसे अपने चाचा की दुकान पर ले जाओ। , कहना इसे बेचकर कुछ रुपये दे दें।😛 , 💃बेटा वह हार लेकर चाचा जी के पास गया। , 👳चाचा ने हार को अच्छी तरह से देख परखकर कहा- बेटा, मां से कहना कि अभी बाजार बहुत मंदा है। , थोड़ा रुककर बेचना, अच्छे दाम मिलेंगे। , उसे थोड़े से रुपये देकर कहा कि तुम कल से दुकान पर आकर बैठना। , अगले दिन से वह लड़का रोज दुकान पर जाने लगा और वहां हीरों रत्नो की परख का काम सीखने लगा। , एक दिन वह बड़ा पारखी बन गया। लोग दूर-दूर से अपने हीरे की परख कराने आने लगे। , एक दिन उसके चाचा ने कहा, बेटा अपनी मां से वह हार लेकर आना और कहना कि अब बाजार बहुत तेज है, , उसके अच्छे दाम मिल जाएंगे। , मां से हार लेकर उसने परखा तो पाया कि वह तो नकली है।😇 , वह उसे घर पर ही छोड़ कर दुकान लौट आया। , 👳चाचा ने पूछा, हार नहीं लाए? , उसने कहा, वह तो नकली था। , तब 👳चाचा ने कहा- जब तुम पहली बार हार ...

Positive

एक_मछली_छोटे_तालाब_में अपने परिवार के साथ रहती थी तालाब में पानी कभी भी सुख जाता था तो उस परमपिता परमेश्वर को याद करती थी पूजा तप आदि खूब किया करती थी एक दिन तेज़ तूफ़ान और बारिश आयी जिससे मछली का परिवार बहकर नदी में बहने लगा और मछली ने व् उसके परिवार ने नदी के विपरीत दिशा में बहने की काफी कोशिश् की और थक हारकर नदी के प्रवाह में ही बहकर ईश्वर को खूब कोसा और भला बुरा कहा और कुछ दिन में ही समुन्दर में पहुच गये। और वहाँ जाकर उनको अहसास हुआ क़ि ईस्वर ने हमको दरीया से निकालकर विशालता में ला दिया उसने हमारे जीवन में तूफ़ान लाकर अपने विशाल स्वरुप से जोड़ दिया ।अत: हर पल उसकी रजा में राजी रहो वो पूरा समुन्दर दे रहा है और हम एक चम्मच लेकर खड़े है ।हम उसके हर कार्य के लिए कोसते रहते है nagetive सोचते रहते है अपनी सोच बदलो हर पल positive सोचो एक माँ अपने बच्चे का एक पल के लिए भी बुरा नहीं सोच सकती तो फिर वो पालनहार कैसे बुरा कर  सकता है.

खुश रहना....

एक फकीर 50 साल से एक ही जगह बैठकर रोज की 5 नमाज पढता था. एक दिन आकाशवाणी हुई और खुदा की आवाज आई "हे फकीर.! तु 50 साल से नमाज पढ रहा है, लेकिन तेरी एक भी नमाज स्वीकार नही हुई" फकीर के साथ बैठ...

दान...

एक बार की बात है एक भिखारी कबीर साहब के पास आया और कुछ खाने के लिए मांगा । भिखारी काफी दिन से भूखा था । तब कबीर जी कपडे बुन रहे थे । कबीर जी ने भिखारी से कहा कि मेरे पास इस समय खाने ...

दहेज़....

एक कवि नदी के किनारे खड़ा था ! तभी वहाँ से एक लड़की का शव नदी में तैरता हुआ जा रहा था। तो तभी कवि ने उस शव से पूछा ---- कौन हो तुम ओ सुकुमारी, बह रही नदियां के जल में ? कोई तो होगा तेरा अपना, मानव निर्मित इस भू-तल मे ! किस घर की तुम बेटी हो, किस क्यारी की कली हो तुम ? किसने तुमको छला है बोलो, क्यों दुनिया छोड़ चली हो तुम ? किसके नाम की मेंहदी बोलो, हांथो पर रची है तेरे ? बोलो किसके नाम की बिंदिया, मांथे पर लगी है तेरे ? लगती हो तुम राजकुमारी, या देव लोक से आई हो ? उपमा रहित ये रूप तुम्हारा, ये रूप कहाँ से लायी हो? .......... दूसरा दृश्य---- कवि की बाते सुनकर लड़की की आत्मा बोलती है... कवी राज मुझ को क्षमा करो, गरीब पिता की बेटी हुँ ! इसलिये मृत मीन की भांती, जल धारा पर लेटी हुँ ! रूप रंग और सुन्दरता ही, मेरी पहचान बताते है ! कंगन, चूड़ी, बिंदी, मेंहदी, सुहागन मुझे बनाते है ! पति के सुख को सुख समझा, पति के दुख में दुखी थी मैं ! जीवन के इस तन्हा पथ पर, पति के संग चली थी मैं ! पति को मेने दीपक समझा, उसकी लौ में जली थी मैं ! माता-पिता...

प्रेरणादायी कहानी....

पुरानी बात है, एक सेठ के पास एक व्यक्ति काम करता था । सेठ उस व्यक्ति पर बहुत विश्वास करता था जो भी जरुरी काम हो वह सेठ हमेशा उसी व्यक्ति से कहता था। वो व्यक्ति भगवान का बहुत बड़ा भक्त था वह सदा भगवान के चिंतन भजन कीर्तन स्मरण सत्संग आदि का लाभ लेता रहता था । . 🔸 एक दिन उस वक्त ने सेठ से श्री जगन्नाथ धाम यात्रा करने के लिए कुछ दिन की छुट्टी मांगी सेठ ने उसे छुट्टी देते हुए कहा भाई मैं तो हूं संसारी आदमी हमेशा व्यापार के काम में व्यस्त रहता हूं जिसके कारण कभी तीर्थ गमन का लाभ नहीं ले पाता । 🔹 तुम जा ही रहे हो तो यह लो 100 रुपए मेरी ओर से श्री जगन्नाथ प्रभु के चरणों में समर्पित कर देना । भक्त सेठ से सौ रुपए लेकर श्री जगन्नाथ धाम यात्रा पर निकल गया . 🔸 कई दिन की पैदल यात्रा करने के बाद वह श्री जगन्नाथ पुरी पहुंचा । मंदिर की ओर प्रस्थान करते समय उसने रास्ते में देखा कि बहुत सारे संत , भक्त जन, वैष्णव जन, हरि नाम संकीर्तन बड़ी मस्ती में कर रहे हैं । 🔹 सभी की आंखों से अश्रु धारा बह रही है । जोर-जोर से हरि बोल, हरि बोल गूंज रहा है । संकीर्तन में बहुत आनंद आ रहा थ...

सफलता का श्रेय....

एक बार यात्रियों से भरी एक बस कहीं जा रही थी। अचानक मौसम बदला धुलभरी आंधी के बाद बारिश की बूंदे गिरने लगी बारिश तेज होकर तूफान मे बदल चुकी थी घनघोर अंधेरा छा गया भयंकर बिजली चमकने लगी बिजली कडककर बस की तरफ आती और वापस चली जाती ऐसा कई बार हुआ सब की सांसे ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे। ड्राईवर ने आखिरकार बस को एक बडे से पेड से करीब पचास कदम की दूरी पर रोक दी और यात्रियों से कहा कि इस बस मे कोई ऐसा यात्री बैठा है जिसकी मौत आज निश्चित है उसके साथ साथ कहीं हमे भी अपनी जिन्दगी से हाथ न धोना पडे इसलिए सभी यात्री एक एक कर जाओ और उस पेड के हाथ लगाकर आओ जो भी बदकिस्मत होगा उस पर बिजली गिर जाएगी और बाकी सब बच जाएंगे। सबसे पहले जिसकी बारी थी उसको दो तीन यात्रियों ने जबरदस्ती धक्का देकर बस से नीचे उतारा वह धीरे धीरे पेड तक गया डरते डरते पेड के हाथ लगाया और भाग कर आकर बस मे बैठ गया। ऐसे ही एक एक कर सब जाते और भागकर आकर बस मे बैठ चैन की सांस लेते। अंत मे केवल एक आदमी बच गया उसने सोचा तेरी मौत तो आज निश्चित है सब उसे किसी अपराधी की तरह देख रहे थे जो आज उन्हे अ...

देखने का नजरिया

*एक अंधा लड़का एक इमारत की सीढ़ियों पर बैठा था. उसके पैरों के पास एक टोपी रखी थी. पास ही एक बोर्ड रखा था, जिस पर लिखा था, "मैं अंधा हूँ, मेरी मदद करो." टोपी में केवल कुछ सिक्के थे.....* *वहां से गुजरता एक आदमी यह देख कर रुका, उसने अपनी जेब से कुछ सिक्के निकले और टोपी में गिरा दिये. फिर उसने उस बोर्ड को पलट कर कुछ शब्द लिखे और वहां से चला गया. उसने बोर्ड को पलट दिया था जिससे कि लोग वह पढ़ें जो उसने लिखा था......* *जल्द ही टोपी को भरनी शुरू हो गई. अधिक से अधिक लोग अब उस अंधे लड़के को पैसे दे रहे थे. दोपहर को बोर्ड बदलने वाला आदमी फिर वहां आया. वह यह देखने के लिए आया था उसके शब्दों का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा? अंधे लड़के ने उसके क़दमों की आहट पहचान ली और पूछा,* *"आप सुबह मेरे बोर्ड को बदल कर गए थे? आपने बोर्ड पर क्या लिखा था?"* *उस आदमी ने कहा मैंने केवल सत्य लिखा था, मैंने तुम्हारी बात को एक अलग तरीके से लिखा,* *"आज एक खूबसूरत दिन है और मैं इसे नहीं देख सकता."* *आपको क्या लगता है? पहले वाले शब्द और बाद वाले शब्द, एक ही बात कह रहे थे?* *बेशक दोनों संके...

Love story......

एक मीठा उलाहना... ******************* " अजी सुनते हो एक बात कहू आपसे ???" एक 80 साल की पत्नी ने अपने 84 साल के पति से कहा . पति अपनी पत्नी के करीब आया और बोला कहो . पत्नी भावुक होकर बोली , " आपको याद है आपने हमारी शादी से पहले अपनी माँ को छुपकर एक ख़त लिखा था जिसमे आपने अपने गुस्से का इजहार करते हुए लिखा था की आप मुझसे शादी नहीं करना चाहते क्योंकि आपको मेरा चेहरा पसंद नहीं था " पति ने हैरान होकर पूछा , " वो ख़त तुझे कहा मिला वो तो बहुत पुरानी बात हे " पत्नी आँखों में आंसू भरके बोली , " कल आपके बक्से से मुझे ये पुराना ख़त मिला . मुझे नहीं पता था की ये शादी आपकी मर्जी के खिलाफ हुई थी . वरना में खुद ही मना कर देती " पति ने अपना सर अपनी पत्नी की बांहों में रखा और बोला , अरे पगली उस वक्त मैं सिर्फ 12 साल का था और मुझे लगा तू मेरे से शादी करके जब आएगी तो मेरे कमरे में मेरे साथ मेरा बिस्तर और तकिये पे सोएगी . मेरे सारे खिलोनो के साथ खेलेगी और मेरी गुल्लक से पैसे चुरा लेगी . लेकिन उस वक्त मैं ये कहा जानता था की तू मेरी जिन्द...

माँ बाप की सेवा

माँ ॥॥॥॥ *दुध पिलाया जिसने छाती से निचोड़कर* *मैं* *"निकम्मा, कभी 1 ग्लास पानी पिला न सका ।* 😭 *बुढापे का "सहारा,, हूँ* *"अहसास" दिला न सका* *पेट पर सुलाने वाली को* *"मखमल,* *पर सुला न सका ।* 😭 *वो "भूखी, सो गई "बहू, के "डर, से एकबार मांगकर* *मैं "सुकुन,, के "दो, निवाले उसे खिला न सका ।*😭 *नजरें उन "बुढी, "आंखों से कभी मिला न सका ।* *वो "दर्द, सहती रही में खटिया पर तिलमिला न सका ।* 😔 *जो हर "जीवनभर" "ममता, के रंग पहनाती रही मुझे* *उसे "दिवाली  पर दो "जोड़ी, कपडे सिला न सका ।* *😭* *"बिमार बिस्तर से उसे "शिफा, दिला न सका ।* *"खर्च के डर से उसे बड़े* *अस्पताल, ले जा न सका ।* 😔 *"माँ" के बेटा कहकर "दम,तौडने बाद से अब तक सोच रहा हूँ*, *"दवाई, इतनी भी "महंगी,, न थी के मैं ला ना सका* । 😭 *माँ तो माँ होती हे भाईयों माँ अगर कभी गुस्से मे गाली भी दे तो उसे उसका "Duaa"* *समझकर भूला देना चाहिए*|✨,, ✨ *मैं  यह वादा करता हूँ आप अग...

कर्ज,ऋण,उधार

एक सेठ जी थे। बहुत दयालु थे, धरम-करम में यकीन करते थे। उनके पास कोई भी व्यक्ति उधार मांगने आ जाता तो वो उसे मना नहीं करते थे। वो मुनीम को बुलाते और जो उधार मांगने वाला होता, उससे पूछते कि तुम उधार कब लौटाओगे? इस जन्म में या अगले जन्म में? जो लोग ईमानदार होते, वो कहते इसी जन्म में। कुछ लोग चतरे भी होते है। तो कई चतरे मन ही मन खुश होते कि अच्छा सेठ है, अगले जन्म में उधार वापसी की उम्मीद लगाए बैठा है। ऐसे लोग मुनीम से कहते कि वो अगले जन्म में लौटाएंगे। मुनीम कभी किसी से कुछ पूछता नहीं था। जो जिस जन्म की बात कह देता, मुनीम लिख लेता। एक दिन एक चोर सेठ के पास उधार मांगने पहुंचा। उसे मालूम था कि सेठ अगले जन्म तक के लिए उधार देता है। हालांकि उसका मकसद उधार लेने से अधिक सेठ की तिजोरी को देखना भी था। चोर ने सेठ से कुछ पैसे उधार मांगे, सेठ ने मुनीम को बुला कर उधार देने को कह दिया। मुनीम ने चोर से पूछा कि इस जन्म में लौटाओगे या अगले जन्म में? चोर ने कहा अगले जन्म में। मुनीम ने तिजोरी खोल कर पैसे उसे दे दिए। चोर ने तिजोरी देख ली। अब चोर ने तय कर लिया कि इस मूर्ख सेठ की तिजोरी रात में उड़ा दी ज...

देनेवाला जब भी देता, देता छप्पर फाड़ के,”

देनेवाला जब भी देता एक गाँव में रामू नाम का एक किसान रहता था, वह बहुत ही ईमानदार और भोला-भाला था, वह सदा ही दूसरों की सहायता करने के लिए तैयार रहता था, एक बार की बात है कि शाम के समय वह दिशा मैदान (शौच) के लिए खेत की ओर गया, दिशा मैदान करने के बाद वह ज्योंही घर की ओर चला त्योंही उसके पैर में एक अरहर की खूँटी (अरहर काटने के बाद खेत में बचा हुआ अरहर के डंठल का थोड़ा बाहर निकला हुआ जड़ सहित भाग) गड़ गई, उसने सोचा कि यह किसी और के पैर में गड़े इससे अच्छा है कि इसे उखाड़ दूँ, उसने जोर लगाकर खूँटी को उखाड़ दिया, खूँटी के नीचे उसे कुछ सोने की अशरफियाँ दिखाई दीं, उसके दिमाग में आया कि यह पता नहीं किसका है? मैं क्यों लूँ? अगर ये अशरफियाँ मेरे लिए हैं तो जिस राम ने दिखाया, वह घर भी पहुँचाएगा (जे राम देखवने, उहे घरे पहुँचइहें), इसके बाद वह घर आकर यह बात अपने पत्नी को बताई, रामू की पत्नी उससे भी भोली थी; उसने यह बात अपने पड़ोसी को बता दी, पड़ोसी बड़ा ही घाघ था, रात को जब सभी लोग खा-पीकर सो गए तो पड़ोसी ने अपने घरवालों को जगाया और कहा, ”चलो, हमलोग अशरफी कोड़ (खोद) लाते हैं,” पड़ोसी और उसके घरवाले...

समझौता, परिस्थितियां

*एक बार एक अध्यापक बच्चों को कुछ सीखा रहे थे। *उन्होंने एक छोटे बरतन में पानी भरा और उसमें एक मेंढक को डाल दिया। *पानी में डालते ही मेंढक आराम से पानी में खेलने लगा। *अब अध्यापक ने उस बर्तन को गैस पर रखा और नीचे से गर्म करना शुरू किया*। *जैसे ही थोड़ा तापमान बढ़ा तो मेंढक ने अभी अपने शरीर के तापमान को थोड़ा उसी तरह adjust कर लिया। *अब जैसे ही बर्तन का थोड़ा तापमान बढ़ता तो मेंढक अपने शरीर के तापमान को भी उसी तरह *adjust कर लेता और उसी बर्तन में मजे से पड़ा रहता*। *धीरे धीरे तापमान बढ़ना शुरू हुआ, *एक समय ऐसा भी आया जब पानी उबलने लगा और अब मेंढक की क्षमता जवाब देने लगी। *अब बर्तन में रुके रहना संभव ना था। *बस फिर क्या था मेंढक ने बर्तन से बाहर निकलने के लिए छलांग लगायी लेकिन अफ़सोस ऐसा हो ना सका। *मेंढक अपनी पूरी ताकत लगाने के बावजूद उस पानी से भरे बर्तन से नहीं निकल पा रहा था क्यूंकि *अपने शरीर का तापमान adjust करने में ही वो सारी ताकत खो चुका था*। *कुछ ही देर में गर्म पानी में पड़े पड़े मेंढक ने प्राण त्याग दिए*। *अब अध्यापक ने बच्चों से पूछा कि मेंढक को किसने मारा तो कुछ बच्चों ने कहा – ग...

जैसी करनी वैसी भरनी

💥  *_कर्म  भोग_*  💥 *एक गाँव मे एक किसान रहता था उसके परिवार में उसकी पत्नी और एक लड़का था। कुछ सालो के बाद पत्नी मृत्यु हो गई उस समय लड़के की उम्र दस साल थी किसान ने दुसरी शादी कर ली। उस दुसरी पत्नी से भी किसान को एक पुत्र प्राप्त हुआ।किसान की दुसरी पत्नी की भी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई।* *किसान का बड़ा बेटा जो पहली पत्नी से प्राप्त हुआ था जब शादी के योग्य हुआ तब किसान ने बड़े बेटे की शादी कर दी। फिर किसान की भी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई। किसान का छोटा बेटा जो दूसरी पत्नी से प्राप्त हुआ था और पहली पत्नी से प्राप्त बड़ा बेटा दोनो साथ साथ रहते थे। कुछ टाईम बाद किसान के छोटे लड़के की तबयीत खराब रहने लगी। बड़े भाई ने कुछ आस पास के वैद्यों से ईलाज करवाया पर कोई राहत ना मिली। छोटे भाई की दिनभर तबीयत बिगड़ी जा रही थी और बहुत खर्च भी हो रहा था।* *एक दिन बड़े भाई ने अपनी पत्नी से सलाह की यदि ये छोटा भाई मर जाऐ तो हमे इसके ईलाज के लिऐ पैसा खर्च ना करना पड़ेगा। और जायदाद में आधा हिस्सा भी नहीं देना पड़ेगा। तब उसकी पत्नी ने कहाँ कि क्यों न किसी वैद से बात करके इसे जहर दे दिया जाऐ किसी क...

लड़ाई झगड़ा

एक बनिए  से लक्ष्मी  जी  रूठ गई । जाते वक्त  बोली मैं जा रही  हूँ और मेरी जगह  टोटा (नुकसान ) आ रहा है । तैयार  हो जाओ। लेकिन  मै तुम्हे अंतिम भेट जरूर देना चाहती हूँ।मांगो जो भी इच्छा  हो। बनिया बहुत समझदार  था ।उसने विनती  की टोटा आए तो आने  दो । लेकिन  उससे कहना की मेरे परिवार  में आपसी  प्रेम  बना रहे ।बस मेरी यही इच्छा  है। लक्ष्मी  जी  ने  तथास्तु  कहा। कुछ दिन के बाद :- बनिए की सबसे छोटी  बहू  खिचड़ी बना रही थी । उसने नमक आदि  डाला  और अन्य  काम  करने लगी । तब दूसरे  लड़के की  बहू आई और उसने भी बिना चखे नमक डाला और चली गई । इसी प्रकार  तीसरी , चौथी  बहुएं  आई और नमक डालकर  चली गई । उनकी सास ने भी ऐसा किया । शाम  को सबसे पहले बनिया  आया । पहला निवाला  मुह में लिया ।देखा बहुत ज्यादा  नमक  है। लेकिन  वह समझ गया  टोटा(हानि)  आ चुका है। चुपचाप खिचड़ी ख...

भक्त और भगवान्

भक्त और भगवान रोचक कथा : जब भगवान राम ने भक्त के लिए बनाई रसोई बहुत साल पहले की बात है। एक आलसी लेकिन भोलाभाला युवक था आनंद। दिन भर कोई काम नहीं करता बस खाता ही रहता और सोए रहता। घर वालों ने कहा चलो जाओ निकलो घर से, कोई काम धाम करते नहीं हो बस पड़े रहते हो। वह घर. से निकल कर यूं ही भटकते हुए एक आश्रम पहुंचा। वहां उसने देखा कि एक गुरुजी हैं उनके शिष्य कोई काम नहीं करते बस मंदिर की पूजा करते हैं। उसने मन में सोचा यह बढिया है कोई काम धाम नहीं बस पूजा ही तो करना है। गुरुजी के पास जाकर पूछा, क्या मैं यहां रह सकता हूं, गुरुजी बोले हां, हां क्यों नहीं? लेकिन मैं कोई काम नहीं कर सकता हूं गुरुजी : कोई काम नहीं करना है बस पूजा करना होगी आनंद : ठीक है वह तो मैं कर लूंगा ... अब आनंद महाराज आश्रम में रहने लगे। ना कोई काम ना कोई धाम बस सारा दिन खाते रहो और प्रभु मक्ति में भजन गाते रहो। महीना भर हो गया फिर एक दिन आई एकादशी। उसने रसोई में जाकर देखा खाने की कोई तैयारी नहीं। उसने गुरुजी से पूछा आज खाना नहीं बनेगा क्या गुरुजी ने कहा नहीं आज तो एकादशी है तुम्हारा भी उपवास है । उसने कहा नहीं अ...

सिमरन

 सिमरन *एक बार पूजय कबीर साहिब जी से किसी ने पूछा, 'आप दिन भर कपड़ा बुनते रहते हैं तो मालिक सतगुरु का सिमरन कब करते हैं?'* *कबीर साहिब जी उस व्यक्ति को लेकर अपनी झोपड़ी से बाहर आ गए। और बोले, 'यहां खड़े रहो। तुम्हारे सवाल का जवाब सीधे न देकर, मैं उसे थोड़ी देर में दिखाता हूं।'* *कबीर साहिब जी ने दिखाया कि एक औरत पानी की गागर सिर पर रखकर लौट रही थी। उसके चेहरे पर प्रसन्नता और चाल में रफ्तार थी। उमंग से भरी हुई वह नाचती हुई-सी चली जा रही थी। गागर को उसने पकड़ नहीं रखा था, फिर भी वह पूरी तरह संभली हुई थी।* *कबीर ने कहा, 'उस औरत को देखो। वह जरूर कोई गीत गुनगुना रही है। शायद कोई प्रियजन घर आया होगा। वह प्यासा होगा, उसके लिए वह पानी लेकर जा रही है। मैं तुमसे जानना चाहता हूं कि उसे गागर की याद होगी या नहीं।'* *कबीर की बात सुनकर उस व्यक्ति ने जवाब दिया,'उसे गागर की याद नहीं होती तो महाराज अब तक तो उसकी गागर नीचे ही गिर चुकी होती।* *' कबीर सही जी बोले, 'यह साधारण सी औरत सिर पर गागर रखकर रास्ता पार करती है। मजे से गीत गाती है, फिर भी गागर का ख्याल उसके ...

सोच

यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो. जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर 'भीख' मांगता है..  😔विचित्र दुनिया का कठोर सत्य..👌👌           बारात मे दुल्हे सबसे पीछे             और दुनिया  आगे चलती है,          मय्यत मे जनाजा आगे            और दुनिया पीछे चलती है..            यानि दुनिया खुशी मे आगे           और दुख मे पीछे हो जाती है..! अजब तेरी दुनिया गज़ब तेरा खेल मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना... Wah re duniya !!!!! ✴ लाइन छोटी है,पर मतलब बहुत बड़ा है ~ उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने ... और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे .. 〰〰〰〰〰〰 ✴  पायल हज़ारो रूपये में आती है, पर पैरो में पहनी जाती है और..... बिंदी 1 रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं. 〰〰〰〰〰〰 ✴  एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान ...

लालच

*आधा किलो आटा*(बोध कथा) एक नगर का सेठ अपार धन सम्पदा का स्वामी था। एक दिन उसे अपनी सम्पत्ति के मूल्य निर्धारण की इच्छा हुई। उसने तत्काल अपने लेखा अधिकारी को बुलाया और आदेश दिया कि मेरी सम्पूर्ण सम्पत्ति का मूल्य निर्धारण कर ब्यौरा दीजिए, पता तो चले मेरे पास कुल कितनी सम्पदा है। सप्ताह भर बाद लेखाधिकारी ब्यौरा लेकर सेठ की सेवा में उपस्थित हुआ। सेठ ने पूछा- “कुल कितनी सम्पदा है?” लेखाधिकारी नें कहा – “सेठ जी, मोटे तौर पर कहूँ तो आपकी सात पीढ़ी बिना कुछ किए धरे आनन्द से भोग सके इतनी सम्पदा है आपकी” लेखाधिकारी के जाने के बाद सेठ चिंता में डूब गए, ‘तो क्या मेरी आठवी पीढ़ी भूखों मरेगी?’ वे रात दिन चिंता में रहने लगे। तनाव ग्रस्त रहते, भूख भाग चुकी थी, कुछ ही दिनों में कृशकाय हो गए। सेठानी द्वारा बार बार तनाव का कारण पूछने पर भी जवाब नहीं देते। सेठानी से हालत देखी नहीं जा रही थी। उसने मन स्थिरता व शान्त्ति के किए साधु संत के पास सत्संग में जाने को प्रेरित किया। सेठ को भी यह विचार पसंद आया। चलो अच्छा है, संत अवश्य कोई विद्या जानते होंगे जिससे मेरे दुख दूर हो जाय। सेठ सीधा संत समागम मे...

आत्मविश्वास

एक राजा के पास कई हाथी थे, लेकिन एक हाथी बहुत शक्तिशाली था, बहुत आज्ञाकारी, समझदार व युद्ध-कौशल में निपुण था। बहुत से युद्धों में वह भेजा गया था और वह राजा को विजय दिलाकर वापस लौटा था, इसलिए वह महाराज का सबसे प्रिय हाथी था। समय गुजरता गया  और एक समय ऐसा भी आया, जब वह वृद्ध दिखने लगा।                       अब वह पहले की तरह कार्य नहीं कर पाता था। इसलिए अब राजा उसे युद्ध क्षेत्र में भी नहीं भेजते थे। एक दिन वह सरोवर में जल पीने के लिए गया, लेकिन वहीं कीचड़ में उसका पैर धँस गया और फिर धँसता ही चला गया। उस हाथी ने बहुत कोशिश की, लेकिन वह उस कीचड़ से स्वयं को नहीं निकाल पाया। उसकी चिंघाड़ने की आवाज से लोगों को यह पता चल गया कि वह हाथी संकट में है। हाथी के फँसने का समाचार राजा तक भी पहुँचा।                        राजा समेत सभी लोग हाथी के आसपास इक्कठा हो गए और विभिन्न प्रकार के शारीरिक प्रयत्न उसे निकालने के लिए करने लगे। जब बहुत देर तक प्रयास करने के उपरांत कोई मार्ग नहीं...

माँ क़ी ममता...

 माँ की ममता एक बार एक सौदागर राजा के महल में दो बड़ी ही खूबसूरत गायों को लेकर आया। दोनों ही गायें दिखने में बिल्कुल एक जैसी थीं। सौदागर राजा से बोला, 'महाराज,इनमें एक मां है और एक बेटी। पर मुझे यह नहीं पता कि मां कौन है और बेटी कौन है क्योंकि दोनों में लेशमात्र भी अंतर नहीं है। मुझे किसी ने यह कहा कि भारत देश के राजा का मंत्री बेहद कुशाग्र बुद्धि है और यहां मुझे अवश्य मेरे प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा।' मंत्री ने दोनों का बारीकी से निरीक्षण किया किंतु वह भी यह नहीं पहचान पाया कि वास्तव में कौन मां है और कौन बेटी? दुविधा में फंसे मंत्री ने एक दिन की मोहलत मांगी। घर आने पर वह बेहद परेशान रहा। जब मंत्री की पत्नी ने उससे परेशानी का कारण जानना चाहा तो उसने सौदागर की बात बता दी। यह सुनकर पत्नी मुस्कुराते हुए बोली, 'बस इतनी सी बात है। यह तो मैं भी बता सकती हूं। हां इसके लिए मुझे उन दोनों गायों को देखना होगा।' यह सुनकर मंत्री गायें ले आया। मंत्री की पत्नी ने दोनों गायों के आगे अच्छा भोजन रखा। कुछ ही देर बाद उसने मां व बेटी में अंतर बता दिया। सुबह मंत्री ने मां व बेटी की पहचान क...

अंधविश्वास

एक बार एक महात्माजी अपने कुछ शिष्यों के साथ जंगल में आश्रम बनाकर रहते थें, एक दिन कहीं से एक बिल्ली का बच्चा रास्ता भटककर आश्रम में आ गया । महात्माजी ने उस भूखे प्यासे बिल्ली के बच्चे को दूध-रोटी खिलाया । वह बच्चा वहीं आश्रम में रहकर पलने लगा। लेकिन उसके आने के बाद महात्माजी को एक समस्या उत्पन्न हो गयी कि जब वे सायं ध्यान में बैठते तो वह बच्चा कभी उनकी गोद में चढ़ जाता, कभी कन्धे या सिर पर बैठ जाता । तो महात्माजी ने अपने एक शिष्य को बुलाकर कहा देखो मैं जब सायं ध्यान पर बैठू, उससे पूर्व तुम इस बच्चे को दूर एक पेड़ से बॉध आया करो। अब तो यह नियम हो गया, महात्माजी के ध्यान पर बैठने से पूर्व वह बिल्ली का बच्चा पेड़ से बॉधा जाने लगा । एक दिन महात्माजी की मृत्यु हो गयी तो उनका एक प्रिय काबिल शिष्य उनकी गद्दी पर बैठा । वह भी जब ध्यान पर बैठता तो उससे पूर्व बिल्ली का बच्चा पेड़ पर बॉधा जाता । फिर एक दिन तो अनर्थ हो गया, बहुत बड़ी समस्या आ खड़ी हुयी कि बिल्ली ही खत्म हो गयी। सारे शिष्यों की मीटिंग हुयी, सबने विचार विमर्श किया कि बड़े महात्माजी जब तक बिल्ली पेड़ से न बॉधी जाये, तब तक ध्यान पर नह...

कठोर सत्य

जीवन का कठोर सत्य भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए। द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी। चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे। उसी समय कैलाश पर यम देव पधारे और अंदर जाने से पहले उन्होंने उस छोटे से पक्षी को आश्चर्य की द्रष्टि से देखा। गरुड़ समझ गए उस चिड़िया का अंत निकट है और यमदेव कैलाश से निकलते ही उसे अपने साथ यमलोक ले जाएँगे। गरूड़ को दया आ गई। इतनी छोटी और सुंदर चिड़िया को मरता हुआ नहीं देख सकते थे। उसे अपने पंजों में दबाया और कैलाश से हजारो कोश दूर एक जंगल में एक चट्टान के ऊपर छोड़ दिया, और खुद बापिस कैलाश पर आ गया। आखिर जब यम बाहर आए तो गरुड़ ने पूछ ही लिया कि उन्होंने उस चिड़िया को इतनी आश्चर्य भरी नजर से क्यों देखा था। यम देव बोले "गरुड़ जब मैंने उस चिड़िया को देखा तो मुझे ज्ञात हुआ कि वो चिड़िया कुछ ही पल बाद यहाँ से हजारों कोस दूर एक नाग द्वारा खा ली जाएगी। मैं सोच रहा था कि वो...